हरिवंश राय बच्चनकवि परिचय
रचनाएं - मधुशाला, मधुवाला, मधुकलश, निशा निमंत्रण, एकांत संगीत आदि।
भावपक्ष - हरिवंशराय बच्चन हालावादी कवि हैं । हालावाद के साथ रहस्यवादी भावना का अनूठा एवं अद्भुत संगम उनकी रचनाओं में देखने को मिलता है। उनकी कविताओं में प्रेम और सौन्दर्य सामाजिक चेतना के भाव मुखरित हैं ।
कलापक्ष - हरिवंश राय बच्चन की कविताओं में शुद्ध साहित्यिक खड़ी बोली का प्रयोग हुआ है। तत्सम शब्दावली का प्रयोग इनके काव्य में हुआ है। मुख्य रूप से प्रांजल शैली एवं गीति शैली के दर्शन इनके काव्य में होते हैं । इनके काव्य में उपमा, रूपक, यमक, अनुप्रास, श्लेष आदि अनेक अलंकारों का प्रयोग हुआ है।
साहित्य में स्थान - हालावाद के प्रवर्तक कवि हरिवंशराय बच्चन शुष्क एवं नीरस विषयों को भी सरस ढंग से प्रस्तुत करने में सिद्धहस्त थे। वे छायावादोत्तर युग के प्रख्यात कवि हैं। हरिवंशराय बच्चन जैसे महान और उच्च कोटी की विचारधारा वाले कवि सदियों में जन्म लेते हैं ।
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अभिषेक रैकवार
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